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Sunday, February 7, 2021

एहसास - A Realisation

किसी के सुरीले स्वर सुनकर 
किसी के बनाए सुंदर चित्रों को देखकर 
मन ही मन एक आवाज़ उठी 
क्या परियोजन है मेरा इस जगत में  


किसी ने बड़े अविष्कार किए 

किसी ने लोगों को जीवनदान दिए 

मन ही मन दोबारा  आवाज़ उठी 

क्या मेरे कर्म  ने जीवन तारे 



किसी का कौशल युद्ध में दिखा 

किसी ने अपना परचम शिखरों पर फहराया 

मन ही मन वही आवाज़ उठी 

क्या उपयोगी रहा मेरा जन्म  


किसी ने बड़े संगठनों को जन्म दिया 

किसी का कौशल बड़ी इमारतों में दिखा 

मन ही मन फिर वही आवाज़ उठी 

क्या इस जीवन को भरपूर जिया  


कई दिनों तक इस ख़याल ने 

बेचैन किया  रातों को जगाया बहुत 

मन के प्रश्न दूर नहीं हुए कभी 

सोचा बहुत तो एक ही ख़याल आया।


शायद मेरे होने से ज़्यादा 

और कुछ ज़रूरी नहीं था 

मेरे साथ चलने वालों के लिए 

मेरा होना ही काफ़ी था।

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